मुंबई । महाराष्ट्र की सियासत में एकनाथ शिंदे ने बगावत कर शिवसेना को बड़ा झटका दिया। राजनीतिक सत्ता संघर्ष शुरू हुआ और फिर महा विकास अघाड़ी (उद्धव ठाकरे) की ठाकरे सरकार गिर गई। देवेंद्र फडणवीस की नई सरकार आई। इससे पहले राज्यसभा चुनाव और उसके बाद विधान परिषद चुनाव में महा विकास अघाड़ी को बड़ा झटका देने के बाद अब कहा जा रहा है कि भाजपा का अगला निशाना विधान परिषद के अध्यक्ष के पद पर है।
शिंदे भले ही मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद सहित कैबिनेट में अहम विभाग रखकर बीजेपी ने सरकार में अपना वर्चस्व साबित कर दिया है। जिसके बाद अब चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व महाविकास अघाड़ी को एक और झटका देने की रणनीति बना रहा है। विधान सभा के बाद विधान परिषद में वर्चस्व स्थापित करने के लिए भाजपा ने अपने दल के नेता को बैठाने की कवायद शुरू कर दी है। भाजपा सदन के कामकाज पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अध्यक्ष पद हासिल करने की कोशिश करने में लगी है।
शिंदे-फडणवीस सरकार राज्य में सत्ता हस्तांतरण के बाद अस्तित्व में आई। अब विधान परिषद में अध्यक्ष पद के लिए रस्साकशी शुरू हो गई है। भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। अब भाजपा जोर दे रही है कि विधान परिषद के अध्यक्ष का पद भी उन्हीं के पास हो। भाजपा द्वारा विधान परिषद के अध्यक्ष के लिए प्रोफेसर राम शिंदे के नाम पर चर्चा हो रही है। भाजपा अध्यक्ष के चुनाव से पहले राज्यपाल के कोटे से 12 विधायकों को भाजपा का अध्यक्ष बनाने की कोशिश कर रही है। दरअसल राम शिंदे का नाम बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी चर्चा में था। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने इस पद के लिए चंद्रशेखर बावनकुले पर भरोसा किया। इसके बाद संभावना है कि बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए दौड़कर राम शिंदे को मौका देगी।