लखनऊ। लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एक बुजुर्ग ने कर्ज और बीमारी से परेशान होकर अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने पंचनामा बनाकर बुजुर्ग के शव को पीएम के लिए भेज मर्ग कायम कर लिया और जांच शुरु कर दी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ के ठाकुरगंज के बाबा हजाराबाग निवासी अब्दुल खालिद मलिक (65) उर्फ कल्लू पहले प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। घर में उनके भांजे जुनैद और उसकी पत्नी रूही, साहिल, खैरुल रहते हैं। पुलिस को मृतक के भांजे साहिल ने बताया कि उनके  मामा ने घर गिरवी रखकर अपने दोस्त चंदा प्रधान को चौपटिया निवासी प्रशांत दीक्षित से ढाई लाख रुपये ब्याज पर दिलवाए थे। साहिल का आरोप है कि चंदा प्रधान उधारी के पैसे लौटा नहीं रहा था। खालिद ब्याज के रुपये अपनी जेब से ब्याज भर रहे थे। इसको लेकर चंदा और खालिद के बीच कई बार कहासुनी भी हुई थी।
साहिल ने बताया कि मंगलवार रात मामा खालिद ने सभी के साथ खाना खाया और अपने कमरे में सोने चले गए। सुबह करीब 8 बजे रूही उनको चाय देने गई तो कमरे के बाहर उनका शव कुर्सी पर बैठी अवस्था में पड़ा था और उनकी गोद में लाइसेंसी रिवॉल्वर रखी थी। रूही की चीख सुनकर परिवारीजन पहुंचे देखा तो खालिद की मौत हो चुकी थी। भांजे ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस को घटनास्थल से लाइसेंसी रिवॉल्वर और उसके चैंबर में फंसे दो कारतूस व एक खोखा बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग ने तड़के तीन बजे खुद को गोली मारी है। गोली की आवाज परिवारीजनों को सुनाई नहीं दी। परिवारीजनों को घटना की जानकारी सुबह आठ बजे हुई। लकवे की वजह से बुजुर्ग के हाथ पैर कांपते थे। एसीपी राजकुमार ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक जुनैद ने बताया कि खालिद डिप्रेशन में थे। उनका इलाज भी चल रहा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल से फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और एफएसएल टीम ने नमूने लेकर जांच के लिए भेजी गई। बताया जा रहा है कि खालिद के बेटे अहमद नवाज (18) का दिल की बीमारी के चलते 5 साल पहले ही निधन हो चुका है। बेटे के गम में पत्नी का भी तीन साल पहले देहांत हो गया था। बुजुर्ग की बेटी निगहत फातिमा अपने पति के साथ करीमगंज ठाकुरगंज ससुराल में रहती है।